डांडा नागराजा के दर्शन

 

डांडा नागराजा के दर्शन  

नमस्कार दगडियों (दोस्तों) , आपका एक नयें ब्लॉग में स्वागत है | 
वर्ष -२०२३ की गर्मियों की छुट्टियों में मुझे अपने गाँव बहेडाखाल जिला- पौडी गढ़वाल जाने का शौभाग्य प्राप्त हुआ | स्कूल की छुट्टियाँ पड़ गयीं थी | हर साल की तरह इस साल भी हम अपने घर गएँ| पापा हमारा इन्तजार कर रहे थे | मैं अपने घर पर बैठा ही था कि मैंने सुना कि कोई माइक से निमंत्रण की  घोषणा कर रहे हैं| तभी पापा जी ने मुझे निमंत्रण पत्र दिया |  इस निमंत्रण पत्र के अनुसार 4 जून से 10 जून तक श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा  था | 
यह निमंत्रण  पत्र  पढकर हम बडे खुश हुए | मैं और मेरी पत्नी अनु, बेटा अर्थ 6 जून को कथा में शामिल होने के लिए घर से निकले | रास्ते में हमने तैड़ी गाँव के पास काफल और हिस्सर फलों का आनंद लिया | ये दोनों फल उत्तराखंड के प्रसिद्द फल हैं | स्वाद में खट्टे-मीठे होते हैं| इन्हें तोड़ने के लिए बड़ी मेहनत करनी पड़ती है| काफल के पेड़ पर चढ़ना पड़ता है बल्कि हिस्सर कांटेनुमा झाड़ी में लगता है |

काफल 

       हिस्सर     
 
यह मंदिर पौड़ी शहर से लगभग 35किलोमीटर दूर है |
बहेड़ाखाल से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| 
यह मंदिर कोटद्वार से लगभग 100 km दूर है |
देवप्रयाग से लगभग 28 km.
देवप्रयाग से डांडा नागराजा मंदिर
यह पौड़ी गढ़वाल का सुप्रसिद्ध मंदिरों में से एक है | यहाँ हमेशा भीड़ ही बनी रहती है |
इस मंदिर से जुडी हुई कई कहानियां प्रचलित हैं | उनमें से एक कथा यह है जो मंदिर प्रांगण में लिखी हुई है |
मंदिर पहुचने पर सबसे पहले मैंने अपनी कार पार्किंग पर खडी की| यहाँ पर पार्किंग का कोई चार्ज नहीं है| पार्किंग भी काफी बड़ी है | 





प्रसाद के रूप मंदिर में पहुँचने में हमने गुड़ की भेल्ली आदि ली | असल में तो गुड़ की भेल्ली ही चढ़ती है | प्रसाद हमने १०० रुपैये का खरीदा| आप यहाँ पर घंटी भी चढ़ा सकतें हैं| यहाँ पर श्रद्धालु मनोकामना पूर्ती के लिए या पूरी होने पर घंटियाँ चढाते हैं| यह मंदिर घंटियों से लदा हुआ है | आप अपने साथ घंटियाँ लेकर और  उस पर नाम लिखवा कर ला सकतें हैं|

पुजारी जी समूह पूजा करतें है| मतलब 10-२० लोग एक साथ पूजा में बैठते हैं, और पुजारी जी सभी की सार्वजनिक पूजा करते हैं| इस प्रकार अगला ग्रुप की पूजा होती है| पूजा समाप्त होने पर हमने मंदिर की परिक्रमा की| फिर हमें पुजारी जी ने चढ़ाये गए प्रसाद में से आधा प्रसाद दिया |
हम फिर मंदिर के प्रांगण में बैठ गए|  कथा सुनी ? कुछ फोटो भी खींचे | कुछ रिश्तेदारों से भी मिले जो कि मंदिर सेवा में कार्यरत है | 

अर्थ (बेटे)ने आइसक्रीम खाने की जिद की और फिर हमने आइसक्रीम का मजा लिया | 

खाने-पीने की बहुत सारी दुकानें उपलब्ध है| फास्ट फ़ूड या भोजन की दुकानें हैं |

अब हमें भूख भी लगने लगी थी| हमें पता था कि भंडारे की व्यवस्था भी है | 12 बज गए थे | 




मंदिर में भंडारे का आनंद लिया | भोजन अति स्वादिष्ट था | 
रात में रुकने के लिए मंदिर की तरफ से धर्मशाला की व्यवस्था की गयी है | आप रात को यहाँ विश्राम भी कर सकते हैं | प्राइवेट होटल्स भी उपलब्ध हैं| 



काफी देर बैठने के बाद हम मंदिर से घर की तरफ निकले| घर पर पहुचकर प्रसाद  सभी को दिया | मन में बहुत ख़ुशी का अनुभव हो रहा था |
आप यहाँ जरूर आयें | कमेन्ट बॉक्स में जय डांडा नागराजा जरूर लिखें |आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी|

यह ब्लॉग आपको कैसा लगा, कमेन्ट बॉक्स में जरूर लिखें |



 

 

Comments

Popular posts from this blog

CLASS 9 ASSIGNMENTS FOR INFORMATION TECHNOLOGY (402)

Ch- 1 (Computer Languages & Number System) Class – VII